लोगों की राय

उपन्यास >> गंगा मैया

गंगा मैया

भैरवप्रसाद गुप्त

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2013
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13108
आईएसबीएन :9788180317460

Like this Hindi book 0

प्रस्तुत पुस्तक 'गंगा मैया में भारतीय ग्रामीण जीवन-संघर्ष का जो सहज, स्वाभाविक और वास्तविक अंकन हुआ है बह अन्यत्र दुर्लभ है

प्रस्तुत पुस्तक 'गंगा मैया में भारतीय ग्रामीण जीवन-संघर्ष का जो सहज, स्वाभाविक और वास्तविक अंकन हुआ है बह अन्यत्र दुर्लभ है।
यही कारण हे कि यह लघु उपन्यास आज विश्व कथा-साहित्य में हिन्दी कथा-साहित्य के प्रतिनिधि के रूप में स्वीकार किया जा रहा है।
अन्यान्य विदेशी भाषाओं में प्रकाशित होने के अतिरिक्त फ्रांसीसी तथा पुर्तगाली भाषाओं में प्रकाशित होनेवाली हिन्दी की पहली पुस्तक भागा मैया (1967-६९) ही है। फांसीसी समीक्षकों ने इस. उपन्यास की जो प्रशंसा की है, यह इसलिए अधिक महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि आज फ्रांसीसी कथा-साहित्य विश्व में सर्वोच्च स्थान पर प्रतिष्ठि है। हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में भागा मैया? कलेवर में सबसे छोटा है, किन्तु अपने आत्मिक सौष्ठव में यह उपन्यास महान् है। यह हमारी गर्वोक्ति नहीं, विद्वान् समीक्षकों की सामान्य उक्ति है। बसु शिल्प, शैली में यह उपन्यास बेजोड़ माना गया है।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai